शुक्रवार, 5 अगस्त 2016

बड़ी मूड़ी सी है ज़िन्दगी...





बड़ी मूड़ी सी है ज़िन्दगी...


मिला हूँ ज़िन्दगी से,
बड़ी मूड़ी सी है...
खुश होती है और
अचानक रूठ जाती है...
एक पल ठहाका,
दूजे पल मुँह बना लेती है...
कभी बहुत अपनी सी,
कभी दुश्मन बन जाती है....
जब सोचता हूँ
समझने लगा हूँ इसे,
तभी कुछ नया कर जाती है...
फिर से पहेली बन जाती है...

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