शनिवार, 20 जुलाई 2019

परवर्ट... यानि छिछोरा




परवर्ट... यानि छिछोरा 



सेंट स्टीफेन कॉलेज के सामने की सड़क  रोज की तरह  उस दिन भी सुनसान थी l नार्थ कैंपस का सबसे वीरान इलाका था ये जबकि देश के सबसे विलक्षण युवा पढ़ते होंगे यहाँ l
कॉलेज के गेट से पचास मीटर दूर बस स्टॉप पर सुजॉय  अकेला खड़ा था l पिछले आधे घंटे में कॉलेज के मैन गेट से कई महँगी गाड़ियाँ और मोटर -साइकिल धड़धड़ाती हुई निकल गईं थीं l पर बस स्टॉप पर कोई नहीं आया l 

वहाँ खड़े-खड़े काफी वक़्त निकल गया था l डीटीसी की बसें हमेशा से ही बड़ी मूड़ी रही हैं l 
तभी कॉलेज के गेट से रौनक बहार आई l "शायद मेरे  लम्बे इंतज़ार का इनाम है ये ," सुजॉय ने सोचा  l खादी ग्रामोद्योग  वाला कुर्ता और काली जीन्स l बुद्धिजीवियों वाला पहनावा l  साथ में लोटो के स्पोर्ट्स शूज l मझली लम्बाई वाले खुले बाल जो दिल्ली की गर्मी से बेहाल निस्तेज कांधो पर पड़े थे l वो जब तक सुजॉय तक पहुंची, वो  उसका सम्पूर्ण आकलन कर चुका था l मन ही मन चाह रहा था कि वो भी वहीँ आकर खडी  हो जाए और फिर वो  दोनों बस का इंतज़ार करें l 

वो सीधा सुजॉय तक आ गई l वो  खुश तो था पर सकपका गया था l 

उसने अपना कुर्ता एक तरफ से ऊपर किया और जेब में हाथ डालकर सिगरेट  की डब्बी निकाली l फिर सुजॉय की  आँखों में देखकर बोली, "डू यू हैव ए लाइट ?" 

सुजॉय  भावशून्य सा उसे देखता रहा l पता नहीं अचम्भा था या मलाल l पहली बार किसी लड़की ने सिगरेट जलाने के लिए उससे  माचिस माँगी थी l और उसके  पास थी नहीं l 

अपना आग्रह दोहराने के लिए उसके होंठ हिले ही थे कि सुजॉय ने  'सॉरी' बोल दिया l वो हल्का सा मुस्काई मानो लानत भेज रही हो और आगे बढ़ गई l सुजॉय का मन हुआ उसका पीछा करे  पर उसने  ठीक नहीं समझा l वो बस उसे दूर जाते हुए देखता रहा l उसे रास्ते में जो भी मिला उसने उनसे माचिस माँगी लेकिन उसकी सिगरेट की उम्र शायद बाकी थी l 

दिन भर सिगरेट-सुंदरी सुजॉय के  ख्यालों में आती-जाती रही l अगले दिन वो  उस ही समय पर सेंट स्टेफेन के बस स्टैंड पर पहुँच गया था और माचिस भी खरीद कर जेब में रख ली थी l 

लगभग उस ही समय पर वही लड़की कॉलेज के गेट से बहार आई l नीली ज़मीन पर सफ़ेद फूलों वाली फ्रॉक बमुश्किल घुटनों तक पहुँच रही थी l पर उसमे वो पिछले दिन से ज्यादा छरहरी लग रही थी l

बाल वैसे ही थे जैसे किसी बच्चे को डाँट-डपट कर बिठा दिया हो l वो सुजॉय के  पास पहुँचती उससे पहले ही उसने  माचिस निकाल कर इशारे से उसे दिखा दी l वो मुस्कुराई, "आई  डोंट  हैवे ए सिगरेट टुडे l " कहकर आगे बढ़ गई l 

निराशा कुछ क्षणों में ही सुजॉय के  उत्साह को लील गई l उसने  खुद को कोसा , "माचिस के साथ दो सिगरेट भी खरीद लेता तो क्या चला जाता l "

अगले दिन क्लासिक रेगुलर की डब्बी और म्यूजिकल लाइटर के साथ सुजॉय  मोर्चे पर तैनात था l उत्साह और उमंग दोनों उफन रहे थे l 
वो कुछ मिनट जल्दी निकल आई थी l सुजॉय  उसे देखते ही आगे आ गया और मुस्कुराने लगा l एक हाथ में सिगरेट की डब्बी और एक हाथ में लाइटर l 

वो कुछ पंद्रह कदम दूर थी जब सुजॉय से  रहा नहीं गया , " आज मैं दोनों लाया हूँ l "
वो गंभीर थी l "इवन आई हैव बोथ ... बट , इट सीम्स, यू आर ए परवर्ट l फ़क ऑफ और आई  विल कॉल पुलिस l "
सुजॉय आगे बढ़ गया l परवर्ट... यानि छिछोरा l सही तो कहाँ उसने l 
सुजॉय कई दिनों तक किसी लड़की  को आँख उठाकर देख नहीं पाया l